संभल। उच्च न्यायालय के आदेश पर हजरतनगर गढ़ी थाने के सामने की बाउंड्री और मुख्य गेट पर बुधवार को बुलडोजर गरजा। अवैध कब्जा करके हरवीर की करीब ढ़ाई बीघा भूमि को थाना परिसर में शामिल करके हुए निर्माण को ढहाया गया है। गांव हजरतनगर गढ़ी निवासी हरवीर ने जनवरी 2023 में याचिका दायर की थी। जिसमें कहा था कि उनकी करीब सवा बीघा जमीन पर थाना पुलिस ने कब्जा कर लिया है। उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान ही कब्जा मुक्त करने के आदेश किए थे। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से हलफनामा मांगा गया था।
अलग अलग जानकारी देने पर उच्च न्यायालय ने नाराजगी जताई है। इसी क्रम में उच्च न्यायालय ने 25 मई की सुबह दस बजे प्रमुख सचिव गृह, डीपीजी, जिलाधिकारी संभल, पुलिस अधीक्षक संभल, उप जिलाधिकारी संभल, तहसीलदार संभल और एसओ हजरतनगर गढ़ी को तलब किया है। हरवीर सिंह के अधिवक्ता जयंत प्रकाश ने बताया कि याचिका पर हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और उप जिलाधिकारी संभल से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा था। जिस पर जिलाधिकारी ने 21 अप्रैल को किसान की जमीन पर कब्जा मुक्त कराने का हलफनाम दिया था। वहीं पुलिस अधीक्षक ने अपने हलफनामे में कहा कि 1990 से जमीन थाने के कब्जे में है और किसानों ने अपनी इच्छा से जमीन दी है।
इसके बाद इस पर उच्च न्यायालय द्वारा तीन मई को किसान हरवीर व अन्य किसानों की जमीन को वापस कर मुआवजा देने के निर्देश दिए। इसके लिए जिलाधिकारी ने जांच कमेटी बनाई। जांच के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक अधिशासी अभियंता लोकनिर्माण विभाग ने जमीन सड़क पर जाने की रिपोर्ट तैयार की। इसके बाद न्यायालय ने हरवीर को हलफनामा देने के निर्देश दिए और नाराजगी व्यक्त कर संबंधित अधिकारियों को तलब कर लिया है। इसी क्रम में बुधवार को जेसीबी से अवैध निर्माण को नायब तहसीलदार ने ध्वस्त करा दिया है।