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CEO ने समीक्षा बैठक के दौरान दिए निर्देश: 30 जून तक मल्टीलेवल पार्किंग को स्मार्ट, 31 मई तक पूरा करे सिग्नेचर ब्रिज


नोएडा10 मिनट पहले

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सिविल विभाग की समीक्षा बैठक करती नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी।

नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने सिविल अभियांत्रिकी विभाग की समीक्षा बैठक की। जिसमें सिविल से संबंधित कार्यों की प्रगति , टेंडर प्रक्रिया में चल रहे कार्यों , नए सेक्टरों के विकास, स्वच्छता सर्वेक्षण, शौचालय और पार्किंग और जी-20 के बारे में जानकारी ली।

नोएडा में प्रस्तावित मल्टी लेवल पार्किंग को 30 जून तक स्मार्ट पार्किंग बनाया जाए। पीपीपी मॉडल पर स्टेडियम और खेल परिसरों से प्राप्त होने वाले राजस्व में बढ़ोतरी की जाए। सेक्टर-27 के क्लब संचालन में आ रही समस्याओं का निपटारा कराया जाए। प्राधिकरण की नई बिल्डिंग का काम जुलाई तक पूरा कराया जाए। 31 मई तक पर्थला फ्लाई ओवर यानी सिग्नेचर ब्रिज का काम पूरा किया जाए।

बैठक में अधिकारियों को निर्देश देती सीईओ

बैठक में अधिकारियों को निर्देश देती सीईओ

सीईओ ने निर्देशित किया कि नोएडा में तालाबों को पुनर्जीवित किए जा रहे कार्यों को पूरा कराया जाए। साथ ही फोटोग्राफ सहित बुकलेट तैयार कराया जाए। इसी प्रकार आपरेशन कायाकल्प के कार्यों के बुकलेट तैयार की जाए। इस मौके पर उन्होंने जिन संविदाकारों को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए उनके बारे में जानकारी ली।

उन्होंने उद्योग मार्ग पर इंडियन ऑयल से सेक्टर-6 तक की सड़क की सरफेस की मरम्मत कराने के लिए कहा, साथ ही जोनल रोड नंबर 8 और जोनल रोड नंबर 5 पर आरसीसी ड्रेन के कार्यों के संविदाकारों पर पेनल्टी लगाने और ब्लेक लिस्ट करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा है।

बैठक में बैठक अधिकारी व सीईओ रितु माहेश्वरी

बैठक में बैठक अधिकारी व सीईओ रितु माहेश्वरी

महामाया फ्लाई ओवर से सेक्टर-14ए तक नोएडा एक्सप्रेस वे के चौड़ी करण की योजना तैयार कर रहे सलाहकार से विडियो प्रेजेंटेशन देने के निर्देश दिए। सौंदर्यीकरण के लिए सेक्टर-14ए प्रवेश मार्ग से डीएनडी मार्ग पर शाहदरा ड्रेन के समीप बारिश को देखते हुए कराए जाए। एक्सप्रेस वे पर ऐसे प्लांट लगाए जाए ताकि वो सड़क पर न आए।

सेक्टर-146,162,145,151 में कराए जा रहे विकास कार्यों को जुलाई के अंत तक पूरा करा दिया जाए। सेक्टर-14ए गोशाला की क्षमता को बढ़ाया जाए। जहां आवश्यकता हो वहीं शौचालय बनाए जाए। पूर्व में बनाए गए शौचालय के आसपास शौचालयों को नहीं बनाया जाए।



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