मुजफ्फरनगर3 घंटे पहले
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मुजफ्फरनगर में अंजुमन इस्लामिया को हाईकोर्ट से झटका लगा है। हाईकोर्ट ने अंजुमन इस्लामिया को वक्फ नवाब अजमत अली खां की और से 99 साल के पट्टे पर मिली करीब 500 करोड़ की संपत्ति वापस करने के मामले में ट्रिब्यूनल के स्टे आर्डर को खारिज कर दिया है। कुछ माह पहले वक्फ नवाब अजमत अली खां की और से थमाए गए नोटिस पर अंजुमन इस्लामिया ने उप्र. वक्फ ट्रिब्यूनल लखनऊ का दरवाजा खटखटाया था।
अंजुमन इस्लामिया की अर्जी पर दोनों पक्ष की सुनवाई करते हुए उप्र. वक्फ ट्रिब्यूनल लखनऊ ने यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश जारी किया था। स्टे आदेश के विरुद्ध वक्फ नवाब अजमत अली खां की ओर से लगाई गई। अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया।
5 अक्टूबर 2022 को खत्म हो गई थी अंजुमन इस्लामिया की लीज
अंजुमन इस्लामिया काे वक्फ नवाब अजमत अली खां की ओर से 5 अक्टूबर 1923 को मुस्लिम स्कूल और बोर्डिंग आदि चलाने के लिए सैंकड़ों करोड़ की भूमि 99 साल के पट्टे पर आवंटित की गई थी। जिसकी मियाद 5 अक्टूबर 2022 को समाप्त हो गई। इससे पहले ही वक्फ नवाब अजमत अली खां की और से अंजुमन इस्लामिया को नोटिस जारी कर लीज खत्म होने का हवाला देते हुए भूमि हस्तगत करने काे कहा गया था। तर्क दिया था कि अंजुमन इस्लामिया ने लीज की शर्तों का उल्लंघन करते हुए शिक्षा के लिए दी गई भूमि का उपयोग उस पर दुकानों का निर्माण कराकर व्यवसायिक रूप से उनका प्रयोग कर किया।
वक्फ की दफा 54 के तहत कार्रवाई करेगा वक्फ
वक्फ नवाब अजमत अली खां के सचिव और पूर्व सासंद अमीर आलम ने बताया कि हाईकोर्ट के जज जेजे मुनीर की खंडपीठ ने ट्रिब्यूनल के स्टे आदेश को खारिज करते हुए अंजुमन इस्लामिया को वक्फ की भूमि पर अवैध कब्जेदार माना है। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट से मामला सुलटने के बाद वक्फ धारा 54 के तहत कार्रवाई प्रारंभ होगी।