लखनऊ41 मिनट पहले
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SGPGI में पायलोनिडल सिस्ट के लेजर ऑपरेशन की शुरुआत हो चुकी हैं।
SGPGI के डॉक्टरों ने रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से और मलद्वार से ऊपर बार-बार फोड़े से युवा वर्ग परेशान थे। ऐसा ही एक मामला हाल के दिनों में SGPGI लाया गया।16 साल के राजेश को डॉक्टरों ने निजात दिलाने में कामयाबी हासिल की है। फोड़े के इलाज के लिए बच्चे ने कई बार ऑपरेशन कराया। इसके बावजूद बच्चे क राहत नहीं मिली। प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ.राजीव अग्रवाल ने लेजर ऑफ पायलोनिडल तकनीक से सफल ऑपरेशन किया। डॉक्टरों ने दोबारा फोड़े की आशंका की आशंका से इनकार किया है।
SGPGI प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. राजीव अग्रवाल का कहना है कि इस तकनीक से पायलोनिडल की सर्जरी पहली बार संस्थान में हुई है। प्रदेश में कोई भी संस्थान इस तकनीक से ऑपरेशन नहीं कर रहा है। सबसे पहले लेजर बीम से फोड़े की सतह को साफ करते है। फिर अंदर जहां से फोड़े का ओरजिन होता है वहां पर लेजर बीम डाल कर संक्रमित कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं। संक्रमित मांसपेशियां नष्ट हो जाती है। इसमें मरीज को सामान्य बेहोशी दी जाती है। फोड़ा (सिस्ट) से बाल निकालते है।
ये लक्षण दिखे तो सावधान हो जाएं
• रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से और मलद्वार के ऊपर दर्द सूजन, जो आपके टेलबोन के ठीक ऊपर का क्षेत्र है। उस जगह से दुर्गंध या पस निकलाता है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लें।
यह है बचाव के तरीके –
– संक्रमित क्षेत्र को सफाई करें।
– सख्त सतहों पर लंबे समय तक बैठने से बचें।
– क्षेत्र से बाल हटा दें।